किस की क्या ओर कितनी औकात

दुनिया मैं बहुत से लोग है | लेकिन सब की सोच अलग अलग है | औकात किस की क्या ओर कितनी औकात है | यह दुनिया एक है लेकिन इस मैं रहने वाले लोग बहुत से है | और सब की एक अपनी अलग सोच है औकात और हासियत भी | यह दुनिया एक है लेकिन इस मैं रहने वाले लोग केई तरह की सोच रखते है | जैसे की कुछ लोगो को अपनी औकात हासियत का ज्ञान होता है लेकिन कुछ लोगो को नहीं होता कुछ लोग अपनी औकात जानते है | लेकिन कुछ लोग नहीं जानते इसीलिए जो लोग अपनी औकात ओर हासियत नहीं जानते | वो लोगो से कहते है के तुम्हारी या तेरी क्या औकात है | इन् जैसे लोगो को अपनी औकात ओर हासियत तो पता नहीं ओर दूसरों से कहते है कि तुम्हारी या तेरी क्या औकात है |
यह दुनिया एक बहुत अच्छी ओर खूबसूरत जगह है | ओर हम सब को मिल कर इसे ओर भी ज़्यादा खूबसूरत बनाना चाहिए | हम सब को इस दुनिया मैं मिलकर ओर एक जूट होकर रहना चाहिए जिससे हम आने वाली परेशानियों से बच सके ओर इस खूबसूरात दुनिया मैं हमारी ज़िंदेगी भी खूबसूरात हो जाए ओर हमे ज़िंदेगी जीने में मज़ा आए | ओर ज़िंदेगी जीना आसा न हो जाए |
अक्सर जब भी लोग आपस मैं लड़ते है | चाहे वो कोई भी हो जैसे की दोस्त हो या रिश्तेदार हो या कोई पड़ोसी हो या ऑफिस या दुकान का हो खैर कोई भी अपने एक बात तो ज़रूर सुनी होगी | जब भी दो या दो से ज़्यादा लोग आपस मैं लड़ते है तो कोई एक कहता है कि तेरी क्या औकात है तेरी क्या औकात है | यह बात क्यू कहते है लोग | क्या है औकात ओर कैसे पता चलता है औकात का कि किस की कितनी औकात है | कैसे पता लगाते है यह लोग के सामने वाले की क्या औकात है | या फिर उस बंदे से पूछते है | कि तेरी क्या औकात है | बता मुझे मैं तुझे पैसे देता हो | पता नहीं क्यू बोलते है यह बात लोग |
आइये देखते है कि कब ओर कहा किस की कितनी औकात होती है | जैसे की कोई भी रिक्शा मैं कही जाता है | तो रिक्शा वाला उससे कितने पैसे लेता है | कम से कम बीस (20) रुपे तो उस की औकात कितनी हुईं बस बीस रुपे की अगर हम बीस रुपे रिक्शा वाले को नहीं देते तो वो हमे जाने नहीं देगा ओर उस बंदे से कहेगा कि तेरी क्या औकात है | तू बीस रुपे भी नहीं दे सकता | यहा उसकी औकात हुई बस बीस रुपे की |
अगर कोई किसी टॅक्सी मैं जाता है तो उसकी औकात थोड़ी ज़्यादा हो जाती है | जैसे की कम से कम सौ (100) रुपे अब उसकी औकात सो रुपे की हुई | ओर हम सब जानते है कि आज के इस लाइफ़स्टाइल मैं सो रूपर ज़्यादा नहीं होते |
अब भी अगर किसी को अपनी औकात थोड़ी ज़्यादा बारानी हो | तो वो बस मैं जा सकता है | क्यू के बस का किराया रिक्शा ओर टॅक्सी से थोड़ा ज़्यादा होता है | तो इसीलिए उसकी औकात भी थोड़ी ज़्यादा होजाती है | तीन पहिये वाले वअहन कौन से होते है | बहुत ही सिम्पल सा सवाल है | जी मैं रिक्शा की बात नहीं कर रहा | बिलकुल सही सोचा आपने मैं बात कर रहा हो एरोप्लेन की | उस मैं भी तीन ही पहिये होते है ओर रिक्शा मैं भी | कुछ लोगो की सोच ही छोटी होती है | ओर वही लोग कहते है | कि तेरी क्या औकात है | खैर अगर कोई एरोप्लेन मैं कही जाता है तो उसकी औकात रिक्शा टॅक्सी ओर बस वालों से थोड़ी ज़्यादा हो जाती है |
औकात औकात औकात ||| क्या हैं यह औकात यार अरे यार उस औकात की भी क्या औकात जोह हर जगह बदलती रहती है | मैं आपसे कहना चाहता हूँ के सामने वाले की औकात को नहीं सामने वाले को देखो छोटा हो या बड़ा हो पैसे वाला हो या गरीब हो इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी | आपने मुझे अपना इतना टाइम दिया इसके लिए थैंक्स |

